साल की शुरुआत में मार्च माह में एक बार चंद्र ग्रहण लग चुका है. लेकिन 7 सितंबर 2025 को दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. बड़ी बात यह है कि इसे भारत में देखा जा सकेगा. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य एवं चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है.
इस दौरान शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है. लापरवाही करने या बरतने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव भी पढ़ सकता है.
ज्योतिषाचार्य से जानें चंद्र गहण से जुड़ी अहम बातें
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि साल 2025 में भी चार ग्रहण देखने को मिलेंगे. इनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे.
दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को लगेगा, यह चंद्र ग्रहण पितृ पक्ष की शुरुआत में लगेगा और यह भारत में दिखाई देगा, जिससे इसका सूतक काल मान्य होगा. जिन जगहों पर ग्रहण दिखाई देता है, वहां-वहां चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करने की मनाही
चंद्र ग्रहण के सूतक के समय में पूजा-पाठ नहीं किया जाता हैं, मंदिर बंद रहते हैं. ग्रहण खत्म होने के बाद सूतक खत्म होता है. फिर मंदिरों का शुद्धिकरण होता है और फिर पूजा-पाठ आदि धर्म-कर्म किए जाते हैं.
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगेगा और यह भारत में नहीं दिखेगा. यह भी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और न्यूजीलैंड, पैसिफिक व अंटार्कटिका में दिखाई देगा.
इन देशों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि यह वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को भाद्रपद मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन लगेगा. यह रात्रि 21:57 बजे शुरू होकर 1:26 बजे तक प्रभावी रहेगा और भारत समेत संपूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी क्षेत्रों में भी दिखाई देगा.
यह चंद्र ग्रहण भारत में नजर आने के बाद इसका सूतक काल मान्य होगा और धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व होगा. इस ग्रहण का सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से आरंभ होगा और ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा।
यह ग्रहण अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलेशिया, एशिया, हिंद महासागर, यूरोप पूर्वी अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा.
रूस और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में चन्द्रास्त के समय इसके उपच्छाया का प्रारम्भ दिखाई देगा. वहीं आइसलैंड, अफ्रीका के पश्चिमी हिस्से और अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में उपच्छाया का अन्त चन्द्रोदय के समय दिखाई देगा.
7 सितंबर से पितृ पक्ष का आरंभ
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार पितृ पक्ष का आरंभ 7 सितंबर से हो रहा है और 21 सितंबर तक चलेगा. लेकिन पूर्णिमा का श्राद्ध 7 सितंबर को होगा और उसी दिन साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भी लगेगा. भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा इस कारण सूतक लगेगा, ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा।
कुंडली विश्लेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वराहमिहिर द्वारा रचित ग्रंथ बृहत्संहिता के राहुचाराध्याय में लिखा है कि जब दो-दो ग्रहण एक साथ एक ही महीने में होते हैं तो तूफान, भूकंप, मानवीय भूल से बड़ी संख्या में जनहानि होने के योग बनते है.
एक ही महीने में सूर्य और चंद्र ग्रहण होते हैं तो सेनाओं की हलचल बढ़ती है. सरकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और प्राकृतिक आपदा आने के योग रहते हैं.
1979 में भी हुए थे ऐसे ही हादसे
कुंडली विश्लेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 43 साल पहले 11 अगस्त 1979 को भी मोरबी में डैम टूटने से बाढ़ आ गई थी और हजारों लोग मारे गए थे. उस साल 22 अगस्त को सिंह राशि में सूर्य ग्रहण हुआ था.
इसके बाद 6 सितंबर को कुंभ राशि में चंद्र ग्रहण हुआ था. अक्टूबर-1979 में फिलीपींस में भी तूफान आया था, जिसमें बड़ी जनहानि हुई थी. ठीक ऐसे ही हादसे 2022 में भी हो रहे हैं।
Menu
RGH News
Search for
Home/धर्म
धर्म
Chandra Grahan September: इस दिन लगेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण! यहां जानें सूतक काल, प्रभाव और सावधानियां
Photo of Prashant Tiwari Prashant Tiwari Send an email13/08/2025
Chandra Grahan September साल की शुरुआत में मार्च माह में एक बार चंद्र ग्रहण लग चुका है. लेकिन 7 सितंबर 2025 को दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. बड़ी बात यह है कि इसे भारत में देखा जा सकेगा. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य एवं चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है.
इस दौरान शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है. लापरवाही करने या बरतने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव भी पढ़ सकता है.
ज्योतिषाचार्य से जानें चंद्र गहण से जुड़ी अहम बातें
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि साल 2025 में भी चार ग्रहण देखने को मिलेंगे. इनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे.
दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को लगेगा, यह चंद्र ग्रहण पितृ पक्ष की शुरुआत में लगेगा और यह भारत में दिखाई देगा, जिससे इसका सूतक काल मान्य होगा. जिन जगहों पर ग्रहण दिखाई देता है, वहां-वहां चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है.
चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करने की मनाही
चंद्र ग्रहण के सूतक के समय में पूजा-पाठ नहीं किया जाता हैं, मंदिर बंद रहते हैं. ग्रहण खत्म होने के बाद सूतक खत्म होता है. फिर मंदिरों का शुद्धिकरण होता है और फिर पूजा-पाठ आदि धर्म-कर्म किए जाते हैं.
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगेगा और यह भारत में नहीं दिखेगा. यह भी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और न्यूजीलैंड, पैसिफिक व अंटार्कटिका में दिखाई देगा.
इन देशों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि यह वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को भाद्रपद मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन लगेगा. यह रात्रि 21:57 बजे शुरू होकर 1:26 बजे तक प्रभावी रहेगा और भारत समेत संपूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी क्षेत्रों में भी दिखाई देगा.
यह चंद्र ग्रहण भारत में नजर आने के बाद इसका सूतक काल मान्य होगा और धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व होगा. इस ग्रहण का सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से आरंभ होगा और ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा.
यह ग्रहण अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलेशिया, एशिया, हिंद महासागर, यूरोप पूर्वी अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा.
रूस और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में चन्द्रास्त के समय इसके उपच्छाया का प्रारम्भ दिखाई देगा. वहीं आइसलैंड, अफ्रीका के पश्चिमी हिस्से और अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में उपच्छाया का अन्त चन्द्रोदय के समय दिखाई देगा.
7 सितंबर से पितृ पक्ष का आरंभ
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार पितृ पक्ष का आरंभ 7 सितंबर से हो रहा है और 21 सितंबर तक चलेगा. लेकिन पूर्णिमा का श्राद्ध 7 सितंबर को होगा और उसी दिन साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भी लगेगा. भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा इस कारण सूतक लगेगा, ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा.
कुंडली विश्लेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वराहमिहिर द्वारा रचित ग्रंथ बृहत्संहिता के राहुचाराध्याय में लिखा है कि जब दो-दो ग्रहण एक साथ एक ही महीने में होते हैं तो तूफान, भूकंप, मानवीय भूल से बड़ी संख्या में जनहानि होने के योग बनते है.
एक ही महीने में सूर्य और चंद्र ग्रहण होते हैं तो सेनाओं की हलचल बढ़ती है. सरकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और प्राकृतिक आपदा आने के योग रहते हैं.
1979 में भी हुए थे ऐसे ही हादसे
कुंडली विश्लेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 43 साल पहले 11 अगस्त 1979 को भी मोरबी में डैम टूटने से बाढ़ आ गई थी और हजारों लोग मारे गए थे. उस साल 22 अगस्त को सिंह राशि में सूर्य ग्रहण हुआ था.
इसके बाद 6 सितंबर को कुंभ राशि में चंद्र ग्रहण हुआ था. अक्टूबर-1979 में फिलीपींस में भी तूफान आया था, जिसमें बड़ी जनहानि हुई थी. ठीक ऐसे ही हादसे 2022 में भी हो रहे हैं.
Read more SBI IMPS Charges: SBI ग्राहकों के लिए जरूरी खबर, 15 अगस्त से लागू होगा IMPS से जुड़ा नियम …
7 सितंबर को दूसरा चंद्र ग्रहण
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण हैं. इस ग्रहण का सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से आरंभ होगा और ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा.
य Chandra Grahan September चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा, जिसमें चंद्रमा के साथ राहु और सप्तम भाव में सूर्य, केतु और बुध विराजमान होंगे. इस संयोजन का कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों पर विशेष प्रभाव पड़ सकता है. इन जातकों को सावधानी बरतने का आवश्यकता रहेगी।