चंद्र ग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है। ऐसा माना जाता है कि यह तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। ऐसे में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और उसकी चमक कम हो जाती है। जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाता है, तो इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है। हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को अशुभ काल बताया गया है और इस दौरान कई नियमों और परंपराओं का पालन करना आवश्यक माना जाता है। आपको बता दें कि इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को लगने वाला है, जो भारत में भी साफ-साफ दिखाई देगा। ऐसे में आइए जानते हैं कल ग्रहण कितने से कितने बजे तक रहेगा, सूतक काल का समय क्या रहेगा, इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं। यहां जानिए चंद्र ग्रहण से जुड़ी हर एक जानकारी के बारे में…
चंद्र ग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है। ऐसा माना जाता है कि यह तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। ऐसे में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और उसकी चमक कम हो जाती है। जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाता है, तो इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
कब लगता है चंद्र ग्रहण?
चंद्र ग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है। ऐसा माना जाता है कि यह तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। ऐसे में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और उसकी चमक कम हो जाती है। जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाता है, तो इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
सूतक काल समय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले से ही शुरू हो जाता है। बता दें कि 7 सितंबर को दोपहर 12: 59 मिनट से सूतक काल शुरू होगा। ऐसे में इस दौरान विशेष सावधानियों का पालन करना जरूरी होगा। इस दौरान ध्यान और मंत्र जाप करना चाहिए।
कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण ?
यह चंद्र ग्रहण भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अफ्रीका, एशिया, यूरोप, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी नजर आएगा।