गणेशोत्सव यानी गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और समापन अनन्त चतुर्दशी के दिन होता है। इस दौरान श्रद्धालु अपने घर पर स्थापित की गई बप्पा की प्रतिमा की विधि विधान पूजा करते हैं और उन्हें नियमित रूप से भोग लगाते हैं। बता दें इस साल गणेश चतुर्थी उत्सव की शुरुआत 27 अगस्त से हो रही है और समापन 6 सितंबर को होगा। चलिए आपको बताते हैं इस दिन गणपति स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
गणेश चतुर्थी 2025 तिथि व स्थापना मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2025 Date And Sthapana Muhurat)
गणेश चतुर्थी – 27 अगस्त 2025, बुधवार
गणेश पूजा मुहूर्त – 11:05 ए एम से 01:40 पी एम
अवधि – 02 घण्टे 34 मिनट्स
वर्जित चन्द्रदर्शन का समय – 09:28 ए एम से 08:57 पी एम
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 26, 2025 को 01:54 पी एम बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त – अगस्त 27, 2025 को 03:44 पी एम बजे
गणेश चतुर्थी चौघड़िया मुहूर्त (Ganesh Chaturthi Choghadiya Muhurat 2025)
लाभ – उन्नति – 05:57 ए एम से 07:33 ए एम
अमृत – सर्वोत्तम – 07:33 ए एम से 09:09 ए एम
शुभ – उत्तम – 10:46 ए एम से 12:22 पी एम
लाभ – उन्नति – 05:12 पी एम से 06:48 पी एम
गणेश चतुर्थी पर्व पर कुछ खास बातों का ध्यान बेहद जरूरी है।
2 – सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा स्थल की अच्छे से साफ सफाई करें।
3 – इसके बाद भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें।
4 – उपासना के लिए शुभ मुहूर्त के समय ईशान कोण में चौकी स्थापित करें।
5 – इसके बाद पीला या लाल रंग का कपड़ा चौकी पर बिछाएं।
6 – अब भगवान गणेश को चौकी पर विराजमान करें।
7 – फिर रोजाना भगवान गणेश की उपासना करें।
8 – अंतिम दिन श्रद्धापूर्वक भगवान गणेश को विदा करें।
गणेश चतुर्थी स्पेशल भोग
लड्डू – भगवान गणेश को लड्डू का भोग लगाया जाता है। आप बेसन या बूंदी से बने लड्डू का भोग लगा सकते हैं।
मोदक- इसके अलावा बप्पा को मोदक बहुत ही पसंद माने जाते हैं। पुराणों में जिक्र का गया है कि गणेश जी बचपन में अपनी मां पार्वती के बनाए गए मोदक पलभर में चट कर जाते थे।
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ ही सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। सभी तरह के काम होने लगते हैं। घर पर गणेश स्थापना करने से गणेश जी घर के सभी विघ्नों को हर लेते हैं।
गणेशोत्सव का इतिहास
ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी की शुरुआत 12वीं शताब्दी में महाराष्ट्र में हुई थी। इस त्योहार को मराठा राजा शिवाजी महाराज ने लोकप्रिय बनाया था। उन्होंने इस त्योहार की शुरुआत अपने लोगों को एकजुट करने और हिंदू संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किया था। शुरुआती दौर में इसे सिर्फ महाराष्ट्र में मनाया जाता था। लेकिन बाद में यह भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गया। यह त्यौहार अब भारत, नेपाल, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।