बालोद, 3अगसत 2025
बालोद जिले के ग्राम जाटादाह में एक पिस्दा परिवार इन दिनों बिजली विभाग की लापरवाही और अनाप-शनाप बिजली बिल के कारण गंभीर परेशानी का सामना कर रहा है। बीते छह महीनों से इस परिवार को अंधेरे में ही जीवन यापन करना पड़ रहा है। घर में बिजली नहीं होने से छोटे-छोटे बच्चे भी चिमनी की रोशनी में पढ़ने को मजबूर हैं।
इस गरीब परिवार को पहले गरीबी रेखा के अंतर्गत विद्युत कनेक्शन मिला था, जिससे हर महीने 50 से 100 रुपये तक का बिल आता था। लेकिन अचानक मीटर बदलने के बाद बिजली बिल में भारी गड़बड़ी सामने आई। परिवार को एक माह में 42 हजार रुपये का बिल थमा दिया गया। इतनी बड़ी राशि जमा करना इस किसान-मजदूर परिवार के लिए संभव नहीं था। देखते ही देखते यह राशि बढ़ते हुए 48 हजार रुपये तक पहुंच गई। परिवार ने जब शिकायत की तब जाकर विभाग ने बिल की राशि घटाकर 10 हजार रुपये कर दी। लेकिन रोजी-मजदूरी और खेती-किसानी से जीवन यापन करने वाले इस परिवार के लिए 10 हजार रुपये भी देना संभव नहीं हो पाया।
नतीजतन विभाग ने करीब 6 महीने पहले घर की बिजली काट दी। चौंकाने वाली बात यह है कि बिजली कनेक्शन काट दिए जाने के बाद भी हर महीने इस परिवार को 10 हजार रुपये का बिजली बिल थमाया जा रहा है। बिना बिजली के रह रहे इस परिवार को समझ नहीं आ रहा कि आखिर वे किस सेवा का भुगतान कर रहे हैं। इस संबंध में परिवार ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और विद्युत विभाग से शिकायत की लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है। ऐसे में यह गरीब पिस्दा परिवार अब बिना बिजली के ही जिंदगी गुजारने को मजबूर है।