GST में आम जनता को राहत देने के बाद अब मोदी सरकार कारोबारियों को बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रही है. अमेरिकी टैरिफ की वजह से व्यापार पर पड़े असर को देखते हुए सरकार एक खास राहत पैकेज पर काम कर रही है. माना जा रहा है कि इस कदम से कारोबारियों को मुश्किल हालात से निकलने में मदद मिलेगी और उन्हें अपने कारोबार को जारी रखने में सहूलियत मिलेगी.
सूत्रों का कहना है कि सरकार की योजना कारोबारियों की नकदी की समस्या कम करने और रोजगार सुरक्षित रखने पर केंद्रित होगी. इसके साथ ही उन्हें नए बाजारों में टिके रहने और उत्पादन को बिना रुकावट जारी रखने का अवसर मिलेगा. माना जा रहा है कि यह पैकेज आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारत की स्थिति को और मजबूत बना सकता है।
क्या होगा पैकेज में खास?
सूत्रों का कहना है कि सरकार छोटे और मध्यम निर्यातकों की नकदी की समस्या दूर करने, पूंजी का बोझ घटाने और नौकरियां सुरक्षित रखने पर फोकस करेगी. पैकेज इस तरह बनाया जा रहा है कि जब तक कारोबारी अपने उत्पादों के लिए नए बाजार नहीं ढूंढ लेते, तब तक उन्हें उत्पादन जारी रखने में परेशानी न हो.
कोविड पैकेज जैसी मदद
जानकारी के मुताबिक, यह पैकेज कोविड-19 महामारी के समय MSME सेक्टर को दिए गए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है. उस समय सरकार की मदद से उद्योगों को बड़ा सहारा मिला था. अब निर्यातकों को भी उसी तरह राहत मिलने की उम्मीद है।
एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन पर भी काम
इसके साथ ही सरकार एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन को भी तेज करने जा रही है, जिसकी घोषणा बजट में की गई थी. इसका मकसद है कि भारतीय उत्पाद वैश्विक स्तर पर ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनें और नए बाजारों तक पहुंच सकें.
किन सेक्टरों को मिलेगा फायदा?
टेक्सटाइल और परिधान
रत्न और आभूषण
चमड़ा और फुटवियर
रसायन और इंजीनियरिंग सामान
कृषि और समुद्री उत्पाद
इन सभी सेक्टरों के निर्यातक फिलहाल टैरिफ की मार झेल रहे हैं. पैकेज आने से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी और भारतीय व्यापार को मजबूती मिलेगी.
GST में पहले ही मिली है राहत
बता दें कि हाल ही में हुई GST काउंसिल की 56वीं बैठक में सरकार ने बड़ा फैसला लिया था. अब देश में सिर्फ दो GST स्लैब रहेंगे, 5% और 18%. 12% और 28% वाले स्लैब खत्म कर दिए गए हैं. इससे कई चीजों के दाम घट गए हैं. हालांकि, लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं के लिए अलग से 40% टैक्स लगाया गया है. नए फैसले 22 सितंबर से लागू होंगे।