रायपुर, 8 अगस्त 2025
रक्षाबंधन पर्व से ठीक पहले रायपुर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन मुस्कान एवं अभियान तलाश के तहत 581 गुमशुदा बच्चों को उनके परिजनों से मिलाकर इस पर्व को सच्चे अर्थों में सार्थक बना दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप चलाए जा रहे इस मानवीय अभियान ने न केवल बच्चों को उनके परिवार से जोड़ा, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते को एक नई गरिमा भी प्रदान की।
इस अभियान के माध्यम से जिन बहनों को वर्षों से अपने गुमशुदा भाई की प्रतीक्षा थी, उन्हें न केवल उनका भाई मिला, बल्कि कई बहनों को रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर पुलिस जवानों के रूप में नए भाई भी मिल गए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को राखी बांधकर स्नेह और कृतज्ञता प्रकट की।
रायपुर पुलिस द्वारा पिछले दो माह में प्रोजेक्ट मुस्कान एवं अभियान तलाश के तहत 581 बच्चों को खोजकर उनके परिजनों से मिलाया गया है। गुढ़ियारी थाना क्षेत्र में दो बहनों ने अपने लापता भाइयों के सकुशल मिलने पर थाना प्रभारी को राखी बांधकर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह रक्षाबंधन उनके लिए हमेशा यादगार रहेगा, क्योंकि रायपुर पुलिस ने उन्हें उनका खोया हुआ भाई वापस दिलाया। गुढ़ियारी थाना प्रभारी श्री बी.एल. चंद्राकर ने बताया कि जैसे ही किसी बालक या बालिका की गुमशुदगी की सूचना प्राप्त होती है, तुरंत प्रोजेक्ट मुस्कान के अंतर्गत त्वरित कार्रवाई प्रारंभ की जाती है। आवश्यक जाँच के उपरांत बच्चे को खोजकर सुरक्षित रूप से परिजनों को सौंपा जाता है।
रायपुर के गुढ़ियारी क्षेत्र के राम केशरवानी 23 जुलाई को घर से बिना बताए कहीं चले गए थे। पुलिस ने तत्परता से मामला दर्ज कर उन्हें खोजकर परिजनों से मिलाया। उनकी बहन ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए पुलिस अधिकारी को राखी बांधी।
इसी तरह रायपुर के ही राजा तालाब निवासी अमन राज की पुत्री कुछ दिन पूर्व बिना बताए घर से चली गई थी। परिजनों द्वारा सिविल लाइन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने भिलाई से उसे ढूंढकर रायपुर में परिवार को सौंपा। अपनी खोयी बिटिया को पाकर भावुक पिता ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और पुलिस प्रशासन के प्रति आभार जताया।
एक अन्य प्रकरण में गोगांव निवासी रामप्रसाद के पुत्र जयंत अपने दोस्तों के साथ घर से चला गया था। परिजनों द्वारा गुढ़ियारी थाना में रिपोर्ट दर्ज कराने पर पुलिस ने उसे रेलवे स्टेशन से ढूंढकर बाल संप्रेक्षण गृह होते हुए परिजनों के सुपुर्द किया। उसकी बहन ने थाना प्रभारी को राखी बांधकर मुख्यमंत्री एवं पुलिस विभाग का आभार जताया।
इस बार रक्षाबंधन पर रायपुर पुलिस ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और संवेदनशीलता से यह सिद्ध कर दिया कि वे न केवल कानून-व्यवस्था के रक्षक हैं, बल्कि समाज के सच्चे रक्षक भी हैं। जिन बहनों को अपने भाई से मिलने की आस भी नहीं थी, उन्हें न सिर्फ उनका खोया भाई मिला, बल्कि प्रदेश पुलिस का स्नेह भी।