बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा बिलासपुर से झारसुगड़ा तक चौथी रेल लाइन के निर्माण कार्य में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। यह परियोजना उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाले व्यस्त रेल मार्ग की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से युद्धस्तर पर चलाई जा रही है। रायगढ़ से पहले स्थित किरोड़ीमल नगर रेलवे स्टेशन को भी इस चौथी लाइन से जोड़ा जा रहा है। इसके तहत 1500 मीटर पुरानी रेल लाइन को हटाकर नई रेल पटरी बिछाई जा रही है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, बिलासपुर-झारसुगड़ा के बीच कुल 206 किलोमीटर लंबी चौथी रेल लाइन का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है, जिसमें से अब तक 150 किलोमीटर से अधिक का कार्य पूर्ण हो चुका है। किरोड़ीमल नगर स्टेशन को इस नई लाइन से जोड़ने के लिए प्री-एनआई एवं एनआई कार्य जारी है।
इस दौरान किरोड़ीमल नगर स्टेशन यार्ड का आधुनिकीकरण भी किया जा रहा है। यार्ड की संरचना को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से 10 पुराने टर्न आउट हटाए गए हैं, जबकि 10 नए टर्न आउट लगाए जा रहे हैं। रेलवे का दावा है कि इस चौथी लाइन और यार्ड मॉडिफिकेशन से न केवल ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार होगा, बल्कि यात्रा अवधि में भी कमी आएगी।
रेलवे के अनुसार, इस कार्य से क्षेत्रीय व्यापार, उद्योग और परिवहन को भी मजबूती मिलेगी। बेहतर रेल संपर्क से सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को नया बल मिलेगा।
रद्द रहीं कई प्रमुख ट्रेनें
चौथी लाइन विस्तार कार्य के चलते ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो रहा है। बुधवार को साउथ बिहार एक्सप्रेस रद्द रही, वहीं गोंडवाना सुपर फास्ट एक्सप्रेस को भी बिलासपुर और रायगढ़ के बीच रद्द कर दिया गया। बीआर और जेडी सहित अन्य गाड़ियों पर भी असर पड़ा है। रेलवे ने यात्रियों से सहयोग की अपील की है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह असुविधा अस्थायी है, लेकिन इसके लंबे समय तक लाभ मिलेंगे। नई चौथी लाइन से न केवल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी, बल्कि परिचालन में भी बेहतरता आएगी।