अगर आपने एक खास इंश्योरेंस कंपनी से अपनी फैमिली के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदा है तो ये खबर आपके लिए एक बुरी खबर हो सकती है। जी हां, अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों के एसोसिएशन AHPI ने उत्तर भारत में अपने मेंबर हॉस्पिटल्स को 1 सितंबर से बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के पॉलिसीहोल्डर्स को कैशलेस इलाज की सुविधा बंद करने की सलाह दी है। बजाज आलियांज ने इस कदम पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि वे हमेशा ग्राहकों को सर्वोत्तम अनुभव दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और मामले का हल निकालने के लिए एएचपीआई के साथ काम कर रहे हैं।
AHPI ने बजाज आलियांज पर लगाया ये बड़ा आरोप
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स-इंडिया (AHPI) ने आरोप लगाया कि बजाज आलियांज ने कई सालों पुराने कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर अस्पतालों को भुगतान दरें तय कर रखी हैं और बढ़ती चिकित्सा लागत के अनुरूप इसमें बदलाव करने से इनकार कर रही है। देशभर के 15,200 अस्पतालों का प्रतिनिधित्व करने वाले AHPI ने कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ मनमाने ढंग से कटौती करने, पेमेंट में देरी और पूर्व-अनुमति देने में लंबा समय लगाने जैसी शिकायतें भी सामने आई हैं। एएचपीआई के महानिदेशक गिरधर ग्यानी ने कहा कि मेडिकल सेक्टर में इनपुट लागत बढ़ने से हर साल 7-8 प्रतिशत महंगाई रहती है, लिहाजा पुराने फीस स्ट्रक्चर के साथ काम करना असंभव है।
एएचपीआई ने 22 अगस्त को केयर हेल्थ इंश्योरेंस को भी भेजा था नोटिस
गिरधर ग्यानी ने कहा कि दरों में बढ़ोतरी न होने से मरीजों की देखभाल की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। एएचपीआई के इस कदम पर बजाज आलियांज के सामान्य बीमा प्रमुख (स्वास्थ्य बीमा) भास्कर नेरुरकर ने कहा, ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि हम एएचपीआई और उसके सदस्य अस्पतालों के साथ मिलकर सौहार्दपूर्ण ढंग से काम करेंगे और ऐसे समाधान पर पहुंचेंगे जो हमारे ग्राहकों के सर्वोत्तम हित में होगा।’’ एएचपीआई ने 22 अगस्त को केयर हेल्थ इंश्योरेंस को भी इसी तरह का नोटिस भेजकर 31 अगस्त तक जवाब मांगा है। जवाब न मिलने पर उसके पॉलिसीहोल्डर्स के लिए भी कैशलेस इलाज की सुविधा रोक दी जाएगी।