इस वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की एक आखिरी तारीख नजदीक आ रही है. जिसे टैक्सपेयर्स को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है. इस बार सरकार ने मूल रूप से 31 जुलाई 2025 की जो अंतिम तारीख थी, उसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है.
इसका मतलब इस बार रिटर्न फाइल करने के लिए आपको लगभग एक महीना से ज्यादा का अतिरिक्त समय मिला है. यह बढ़ोतरी खासकर नए नोटिफाइड ITR फॉर्म्स और उनकी तकनीकी तैयारियों को ध्यान में रखकर की गई है ताकि सभी टैक्सपेयर्स आराम से अपना काम पूरा कर सकें.
ITR फाइल करने की मुख्य तिथियां
गैर-ऑडिट मामलों जैसे कि आम व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) आदि के लिए रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 निर्धारित की गई है. वहीं यदि आपका मामला ऑडिट के अंतर्गत आता है यानी धारा 44AB के तहत आता है तो आपकी रिटर्न फाइल करने की तारीख 31 अक्टूबर 2025 है.
ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़े फॉर्म 3CEB की फाइलिंग की डेडलाइन सामान्यतः 30 नवंबर 2025 होती है, लेकिन इसमें सरकार द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले नोटिफिकेशन के अनुसार बदलाव हो सकता है. अगर आप लेट रिटर्न या संशोधित रिटर्न फाइल करना चाहते हैं, तो उसके लिए आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025 निर्धारित है.
ITR-U: अब 48 महीने तक रिटर्न फाइल करें
ITR-U यानी अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की सुविधा भी इस बार बढ़ाई गई है. नए नियमों के अनुसार अब आप आयकर रिटर्न 48 महीनों तक फाइल कर सकते हैं. इसका मतलब यह है कि आप वित्तीय वर्ष 2024-25 का रिटर्न 1 जनवरी 2026 से लेकर 31 मार्च 2030 तक फाइल कर सकते हैं. यह सुविधा उन लोगों के लिए काफी मददगार होगी जो किसी वजह से अब तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाए थे।
समय पर रिटर्न फाइल न करने पर क्या होगा?
अगर आप निर्धारित समय सीमा के बाद अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको लेट फीस और ब्याज दोनों का सामना करना पड़ सकता है. अगर आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से कम है तो अधिकतम 1,000 रुपये का जुर्माना लगेगा जबकि 5 लाख रुपये या उससे अधिक की आय वालों के लिए यह राशि 5,000 रुपये तक हो सकती है. इसके अलावा, अगर आपका टैक्स बकाया है और आप रिटर्न देर से फाइल करते हैं तो धारा 234A के तहत देय तिथि के अगले दिन से 1% प्रति माह की दर से ब्याज लगेगा