भारतीय रिजर्व बैंक ने अगस्त में रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया था और रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर ही बरकरार रखने का ऐलान किया था। इसके बावजूद, पब्लिक सेक्टर के 2 बैंकों ने लोन की ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है। इस कटौती के बाद नई ब्याज दरें 1 सितंबर से लागू भी हो गई हैं। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) ने अपनी सीमांत निधि लागत-आधारित उधार दरों (MCLR) में कटौती की है। बैंकों के इस फैसले से उन ग्राहकों को फायदा होगा, जिन्होंने एमसीएलआर से जुड़े लोन लिए हैं।
EMI के बोझ में मिलेगी राहत
पीएनबी ने एमसीएलआर में 15 बेसिस पॉइंट्स तक की कटौती की है और बैंक ऑफ इंडिया ने ओवरनाइट अवधि को छोड़कर बाकी सभी अवधि के लोन के लिए ब्याज दरों में 5 से लेकर 15 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया द्वारा एमसीएलआर में की गई इस ताजा कटौती से लोन की ईएमआई कम हो जाएगा और ग्राहकों को ब्याज के रूप में तुलनात्मक रूप से कम पैसे चुकाने होंगे।
MCLR क्या होता है
एमसीएलआर यानी सीमांत निधि लागत-आधारित उधार दरें, बैंकों के लिए अलग-अलग फ्लोटिंग रेट लोन जैसे- होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन पर ब्याज दरें निर्धारित करने के लिए एक बेंचमार्क रेट के रूप में काम करता है। बताते चलें कि एमसीएलआर नए लोन पर लागू नहीं होता है क्योंकि नए फ्लोटिंग रेट लोन बाहरी बेंचमार्क उधार दर (EBLR) से जुड़े होते हैं। बैंक अपने ग्राहकों को एमसीएलआर से ईबीएलआर में स्विच का भी ऑप्शन देते हैं।
पंजाब नेशनल बैंक के नए MCLR अब क्या होंगे
पंजाब नेशनल बैंक ने ओवरनाइट MCLR को 8.15% से घटाकर 8%, एक महीने के MCLR को 8.30% से घटाकर 8.25%, तीन महीने के MCLR को 8.50% से घटाकर 8.45%, छह महीने के MCLR को 8.70% से घटाकर 8.65%, एक साल के MCLR को 8.85% से घटाकर 8.8% और तीन साल के MCLR को 9.15% से घटाकर 9.10% कर दिया है।
बैंक ऑफ इंडिया की नई दरें अब क्या होंगी
वहीं दूसरी ओर, बैंक ऑफ इंडिया ने ओवरनाइट MCLR को 7.95% पर अपरिवर्तित रखा है। इस सरकारी बैंक ने 1 महीने की MCLR को 8.40% से घटाकर 8.30%, 3 महीने की MCLR को 8.55% से घटाकर 8.45%, 6 महीने की MCLR को 8.80% से घटाकर 8.70%, 1 साल के MCLR को 8.90% से घटाकर 8.85% और 3 साल के MCLR को 9.15% से घटाकर 9.00% कर दिया है।