छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार में कुछ दिनों पहले 3 नए मंत्री बनाए गए हैं। इससे कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 11 से 14 हो गई है। जो नियमानुसार विधानसभा में सदस्यों की संख्या के 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती है। कांग्रेस ने इसके विरोध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है। इसमें सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री समेत सभी 14 मंत्रियों को पक्षकार बनाया गया है।
याचिकाकर्ता से मांगा बैकग्राउंड
मामले में हाईकोर्ट ने शुक्रवार, 29 अगस्त को सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता बसदेव चक्रवर्ती से शपथ पत्र मांगा है। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता से उसका बैकग्राउंड और समाजसेवा में किए गए कामों की जानकारी मांगी है। वहीं राज्य शासन से भी दिशा निर्देश मांगा गया है।
अगली सुनवाई 2 सितंबर क
याचिकाकर्ता ने डिवीजन बेंच के एक फैसले को मद्देनजर रखते हुए जनहित याचिका लगाई है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में इसकी सुनवाई हुई। सुनवाई की अगली तारीख मंगलवार 2 सितंबर लगी है।
कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या का नियम
विधानसभा में मंत्रिमंडल के सदस्य कुल सीटों की संख्या के 15% से ज्यादा नहीं हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें हैं। इस आधार पर मंत्रिमंडल का प्रतिशत 13.50 है। छत्तीसगढ़ में 20 अगस्त को तीन नए मंत्रियों के शपथ के बाद मंत्रिमंडल की टोटल संख्या 14 हो गई है, यह 15 प्रतिशत से ज्यादा है।
BJP ने हरियाणा फॉर्मूले का दिया हवाला
कांग्रेस इस आधार पर 14वें मंत्री की नियुक्ति का विरोध कर रही है। जबकि बीजेपी इसे लेकर हरियाणा में लागू फॉर्मूले का हवाला दे रही है। कांग्रेस का कहना है कि यह संविधान के अनुच्छेद 164 (1क) उल्लंघन है। अब इसे लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता बसदेव चक्रवर्ती ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई है।