गरियाबंद,17 अगस्त 2025
पूरे छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों के एंटी नक्सल ऑपरेशन का असर दिख रहा है. बस्तर के बाद अब मोहला मानपुर समेत गरियाबंद में नक्सलियों पर प्रहार जारी है. रविवार को गरियाबंद पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी. कुल चार खूंखार नक्सलियों ने यहां पुलिस फोर्स के सामने सरेंडर किया है. इन नक्सलियों पर कुल 19 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
आईजी अमरेश मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी: रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने इस सफलता के बाद गरियाबंद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने पत्रकारों को बताया कि गरियाबंद पुलिस को सूचना मिली थी कि गरियाबंद और धमतरी के बॉर्डर पर नक्सलियों की मौजूदगी है. उसके बाद गरियाबंद पुलिस की टीम ने ऑपरेशन शुरू किया. छापेमार कार्रवाई के दौरान आज सुबह नक्सलियों के गुप्त ठिकाने पर पुलिस ने छापामार कार्रवाई की. जिसमें नक्सली तो भाग खड़े हुए किंतु उनका खजाना पुलिस के हाथ लगा. कुल साढ़े 16 लख रुपए नगद और 31 जिंदा कारतूस बरामद किए गए. उसके बाद गरियाबंद के एसपी को नक्सलियों की एक और लीड मिली. जिसके आधार पर उनके मुखबिरों ने नक्सलियों से संपर्क साधा. इसके बाद चार माओवादी सरेंडर करने के लिए तैयार हुए।
जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया है. उनमें नक्सलियों का डिवीजनल कमांडर दीपक मंडावी, नक्सली कैलाश, रनिता और सुजाता शामिल है. इन चारों के ऊपर कुल 19 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
चार नक्सलियों ने आज यहां सरेंडर किया है. ये सभी नक्सलियों पर 19 लाख रुपये का इनाम है. नक्सली दीपक ने अपने एसएलआर के साथ सरेंडर किया है. इसके अलावा नक्सली रनिता ने अपने थ्री नॉट थ्री रायफल के साथ सरेंडर किया है. यह नक्सलवाद के खिलाफ जंग में अहम कामयाबी है. छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से चलाई जा रही नई नक्सल पुनर्वास नीति से ये नक्सली प्रभावित हुए. इन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का फैसला लिया- अमरेश मिश्रा, आईजी, रायपुर रेंज
पुलिस फोर्स के एक्शन का दिखा असर: रायपुर रेंज आईजी अमरेश मिश्रा ने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि धमतरी गरियाबंद बॉर्डर पर नक्सलियों का कैंप चल रहा था. सीआरपीएफ की टीम ने कल इस इलाके में धावा किया था. इस दौरान पुलिस को 16 लाख रुपये नगद और भारी मात्रा में हथियार मिला. इस कैंप से फोर्स को 31 जिंदा कारतूस, 8 बीजीएल, नक्सली वर्दी, डेटोनेटर और अन्य सामग्री बरामद की है. सभी समर्पित नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये का नगद पुरस्कार दिया गया है।
इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा ने कहा कि हम दी गई डेडलाइन के अंदर नक्सलवाद का खात्मा कर देंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से नक्सलवाद के खात्मे की जो डेडलाइन 31 मार्च 2026 की दी गई है. उस समय तक हम निश्चित रूप से नक्सलवाद पर विजय पा लेंगे।
“सिकुड़ रहा नक्सलियों का कैडर”: रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा ने यह भी बताया कि जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया है. उन्होंने कई अहम खुलासे किए हैं. उन्होंने पुलिस को बताया कि नक्सल लीडर की डर की वजह से कई माओवादी उनके साथ जुड़े हुए हैं. वे सभी सरेंडर करना चाहते हैं. जैसे उन्हें मौका मिलेगा वे सरेंडर करने के लिए आगे बढ़ेंगे।