दुर्ग, 08अगस्त 2025
रक्षाबंधन के पावन अवसर पर दुर्ग सेंट्रल जेल में भी धूमधाम से राखी का त्योहार मनाया गया. जेल प्रबंधन ने कैदी भाईयों को राखी बांधने आई बहनों के लिए खास इंतजाम किए. सुबह से ही जेल प्रांगण में कैदी भाईयों से मिलने और उनको राखी बांधने के लिए बहनों का आना शुरु हो गया. जेल प्रबंधन ने बहनों को दिक्कत नहीं हो इसके लिए खास इंतजाम किए थे. जेल के बाहर एक काउंटर बनाया गया. काउंटर के जरिए आने वाली बहनों के परिचय पत्र लेकर उनको अंदर भेजा गया.
कैदी भाईयों को बांधी गई राखी: सेंट्रल जेल के अंदर एक बड़े हाल में बंदी भाईयों को शिफ्ट वाइस बैठाया गया था. एक लाइन में बिठाकर कैदी भाईयों को बहनों ने बड़े प्यार से राखी बांधी. बहनों ने राखी बांधने के बाद कैदी भाई से ये वचन लिया कि वो भविष्य में कभी भी इस तरह की गलती नहीं करेंगे. कैदी भाईयों ने भी बहनों को वचन दिया कि वो जेल से निकलने के बाद अच्छा जीवन बिताएंगे. जेल से निकलने के बाद माता पिता की सेवा करेंगे. बुरी संगत का भी त्याग करेंगे।
मनीष संभाकर ने बताया कि जेल में वर्तमान में 2,135 बंदी हैं. सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक राखी बांधने का समय निर्धारित किया गया है, लेकिन अगर कोई बहन दूर-दराज से बहन आती है और समय पर नहीं पहुंच पाती, तो उन्हें भी मिलने का मौका दिया जाएगा. बहनों को मोबाइल फोन अंदर ले जाने की अनुमति नहीं है और यदि उनके साथ पुरुष आते हैं तो उन्हें जेल परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी. बंदी भाईयों को बहनों द्वारा मिठाई खिलाने से पहले मिठाई का परीक्षण किया गया. सोन पापड़ी जैसी पैक्ड मिठाई लाने की अनुमति दी गई थी. सुरक्षा की दृष्टि से जेल परिसर में महिला गार्ड तैनात रहीं, जबकि बाहर पुरुष पुलिस बल मौजूद रहा।
राखी बांधने आई एक बहन ने कहा कि मेरा भाई जेल में सजा काट रहा है. उसे यहां इस हाल में देखकर दुख होता है. लेकिन क्या करें. जो गलती हो गई है उसकी तो सजा भुगतनी ही पड़ेगी. यहां राखी बांधने आई हूं. भाई और बहन हम दोनों लोग रो रहे हैं. मैंने भईया से वचन लिया है कि वो यहां से निकलकर अच्छा और सच्चा जीवन जीएंगे।
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