नारायणपुर, 08अगस्त 2025
विश्व आदिवासी दिवस पर नारायणपुर में हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के सदस्य पारंपरिक परिधानों में सजे धजे सड़कों पर उतरे. हाई स्कूल मैदान से बाइक रैली और पैदल नगर भ्रमण रैली के साथ शुरू हुआ जश्न, जनसभा, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और सम्मान समारोह के साथ देर शाम तक जारी रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह नारायणपुर के हाई स्कूल मैदान से भव्य बाइक रैली के साथ हुई, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने पारंपरिक झंडे और नारों के साथ हिस्सा लिया. इसके बाद हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के सदस्य पैदल रैली के रूप में नगर के मुख्य मार्गों से गुजरे।
बिरसा मुंडा की जय” और “एक तीर, एक कमान – आदिवासी एक समान” जैसे जोशीले नारों से नारायणपुर की गलियां गूंज उठीं. रैली नगर भ्रमण के बाद हाई स्कूल मैदान में संपन्न हुई।
हाई स्कूल मैदान में आयोजित जनसभा में आदिवासी समाज के प्रबुद्ध वक्ताओं ने समाज की रीति-नीति, संस्कृति और परंपरा के संरक्षण पर विशेष जोर दिया. वक्ताओं ने लगातार बढ़ते धर्मांतरण को समाज की एकता और अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा बताते हुए सजग रहने का आह्वान किया.
आदिवासी समाज की हस्तियां रहीं मौजूद: जनसभा में आदिवासी समाज से जुड़ी कई स्थानीय विभूतियां मौजूद रहीं, जिनमें पद्मश्री पण्डीराम मंडावी, पद्मश्री हेम चंद मांझी और वेट लिफ्टिंग में विश्व स्तर पर नाम रोशन करने वाली आदिवासी बेटी खुशबू नाग शामिल थीं. मंच पर दोनों पद्मश्री सम्मानित हस्तियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले महान विभूतियों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में पारंपरिक आदिवासी नृत्य एवं संगीत की शानदार प्रस्तुतियों ने माहौल को जीवंत बना दिया. तुड़बुढ़ी नृत्य, मांदर नृत्य और हल्बा समाज के धनकुर गायन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. युवक-युवतियों और बच्चों का पारंपरिक परिधान में शामिल होना पूरे आयोजन को और भी रंगीन बना गया.
विश्व आदिवासी दिवस पर नारायणपुर में आयोजित यह भव्य कार्यक्रम केवल उत्सव नहीं, बल्कि आदिवासी गौरव, एकता और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति संकल्प का प्रतीक बन गया. रैली से लेकर जनसभा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों तक, हर क्षण ने यह संदेश दिया कि समाज अपनी परंपराओं, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट है और आने वाली पीढ़ियों को यह विरासत सौंपने के लिए दृढ़ संकल्पित है।