हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष पितृ पक्ष 7 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है। इस दिन चंद्र ग्रहण भी होगा, जो प्रतिपदा के दिन पड़ेगा। आइए, जानते हैं कि इस ग्रहण के सूतक काल के दौरान पितृओं के लिए कौन से दान कार्य किए जा सकते हैं। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि पितृ पक्ष कब तक चलेगा।
पितृ पक्ष कब से कब तक चलता है
आपको बता दें हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से मानी जाती है। इसकी समाप्ति आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर होती है। पितृ पक्ष में पितरों को याद करने का दिन माना जाता है।
पितृ पक्ष 2025 की तिथियां
इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025 से होगी। इस दिन साल का पहला खग्रास सूर्य ग्रहण भी पड़ेगा। पितृ पक्ष पूरे 16 दिन चलेंगें। इनकी समाप्ति 21 सितंबर 2025 रविवार को सर्व पितृ अमावस्या के साथ होगी। इसे पितृ पक्ष का आखिरी दिन कहते हैं।
क्या ग्रहण के दौरान पितरों के लिए दान किया जा सकता है
हिन्दू धर्म के अनुसार ग्रहण काल के दौरान दान और जाप का विशेष महत्व होता है। पर इसमें पितरों के लिए दान सही नहीं है। अगर कोई स्वेचछा से आपके पास कुछ मांगने आए तो उसे दान दिया जा सकता है। पर पितरों के लिए दान ग्रहण के सूतक काल प्रारंभ् होने के पहले ही कर दिया जाना चाहिए।
इस दिन दोपहर 12:58 से सूतक काल शुरू हो जाएगा। ऐसे में सूतक के पहले ही दान पुण्य कर देना सही होता है।
पितृ पक्ष की तिथियां
तिथि (2025) वार श्राद्ध प्रकार
7 सितंबर रविवार पूर्णिमा श्राद्ध
8 सितंबर सोमवार प्रतिपदा श्राद्ध
9 सितंबर मंगलवार द्वितीया श्राद्ध
10 सितंबर बुधवार तृतीया श्राद्ध
10 सितंबर बुधवार चतुर्थी श्राद्ध
11 सितंबर गुरुवार महा भरणी एवं पंचमी श्राद्ध
12 सितंबर शुक्रवार षष्ठी श्राद्ध
13 सितंबर शनिवार सप्तमी श्राद्ध
14 सितंबर रविवार अष्टमी श्राद्ध
15 सितंबर सोमवार नवमी श्राद्ध
16 सितंबर मंगलवार दशमी श्राद्ध
17 सितंबर बुधवार एकादशी श्राद्ध
18 सितंबर गुरुवार द्वादशी श्राद्ध
19 सितंबर शुक्रवार त्रयोदशी श्राद्ध
19 सितंबर शुक्रवार माघ श्राद्ध
20 सितंबर शनिवार चतुर्दशी श्राद्ध
21 सितंबर रविवार सर्व पितृ अमावस्या