रिटायरमेंट प्लानिंग हर नौकरीपेशा के लिए बेहद जरूरी है। भारत सरकार ने कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के बीच स्विच करने की सुविधा दी है। लेकिन यह विकल्प बार-बार नहीं मिलेगा। अगर आप UPS से NPS में बदलाव करना चाहते हैं, तो इसे सोच-समझकर करना होगा क्योंकि यह फैसला आपके रिटायरमेंट की पेंशन तय करेगा। बता दें कि (UPS) या एकीकृृत पेंशन योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू हुआ था।
UPS और NPS क्या है
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS): इसे 2004 में लागू किया गया। यह कॉन्ट्रिब्यूशन-बेस्ड पेंशन स्कीम है, जिसमें कर्मचारी (Employee) और नियोक्ता (Employer) दोनों कॉन्ट्रीब्यूट करते हैं। पेंशन की राशि निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर निर्भर करती है। इसमें गारंटीड पेंशन नहीं होती, लेकिन लंबे समय में अधिक रिटर्न की संभावना रहती है। यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS): UPS को हाल ही में लागू किया गया। इसमें कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन मिलती है। UPS में कई अतिरिक्त बेनिफिट्स शामिल हैं, जो इसे सुरक्षित विकल्प बनाते हैं।
UPS से NPS में बदलाव कितनी बार संभव
सरकार ने स्पष्ट किया है कि UPS से NPS में स्विच करने का मौका केवल एक बार ही मिलेगा। एक बार बदलाव कर लेने के बाद वापस UPS में लौटना संभव नहीं है। इसलिए कर्मचारियों को अपने फैसले में भविष्य की जरूरतों और पेंशन लाभ-हानि दोनों का मूल्यांकन करना चाहिए
कब है बदलाव की अंतिम तारीख
फिलहाल 30 सितंबर 2025 तक UPS से NPS में बदलाव का अवसर है। 20 जुलाई तक लगभग 31,555 केंद्रीय कर्मचारियों ने UPS ऑप्शन चुना है। इसके बाद यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।
जरूरी जानकारी के लिए आपको बता दें कि यदि कोई सामान्य कर्मचारी अपनी रिटायरमेंट से 1 साल पहले तक या वालंटियर रिटायरमेंट से 3 महीने पहले तक NPS ऑप्शन नहीं चुनता, तो वह डिफॉल्ट रूप से UPS के तहत पेंशन प्राप्त करेगा।