हर साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए हरतालिका तीज का निर्जला व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज का व्रत सुहागिने और कुंवारी कन्याएं भी रहती हैं। हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरतालिका तीज व्रत रखने से ही मां पार्वती को भगवान शिव पति के रूप में मिले थे। हरतालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और कन्याओं के विवाह में आ रही परेशानियां दूर होती हैं। इसके साथ ही इस व्रत के प्रभाव से अच्छा वर भी मिलता है। हरतालिका तीज व्रत की शुरुआत करने के बाद जीवनभर इस व्रत को रखा जाता है। हालांकि,अगर व्रत रख पाना संभव ना हो, तो हरतालिका तीज व्रत का उद्यापन जरूर करना चाहि
हरतालिका तीज व्रत डेट-
इस साल हरितालिका तीज व्रत मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को रखा जाएगा।
प्रातः
काल हरितालिका पूजा मुहूर्त – 05:56 ए एम से 08:31 ए एम
अवधि – 02 घण्टे 35 मिनट्स
हरतालिका तीज पूजन सामग्री: हरतालिका तीज के दिन मां पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान पूजन सामग्री का विशेष ध्यान रखें।
पूजा सामग्री की लिस्ट: फल, फूल, कपूर, घी, दीपक, मिठाई, सुपारी, पान, बताशा, घी, कुमकुम, पूजा-कलश, सूखा नारियल, शमी का पत्ता, धतूरा, शहद, गुलाल, पंचामृत, कलावा, इत्र, चंदन, मंजरी, अक्षत, गंगाजल, दूर्वा, जनेऊ, बेलपत्र, वस्त्र और केले का पत्ता।
पूजा विधि-
हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नए वस्त्र पहनें। इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। सभी देवी-देवताओं को धूप-दीप दिखाएं और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद मां पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करें। हरतालिका तीज व्रत कथा का पाठ करें और सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें। मां पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें और अखंड सौभाग्य की कामना करें। भगवान को भोग भी लगाएं।