जीएसटी काउंसिल की बैठक आज से शुरू हो रही है, जो दो दिन चलेगी और 4 सितंबर को खत्म होगी. ये बैठक नई दिल्ली में हो रही है और पूरे देश की नजरें इस पर टिकी हैं. ये मीटिंग इसलिए खास मानी जा रही है क्योंकि इसमें जीएसटी के टैक्स स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव हो सकते हैं. सरकार इसमें चार टैक्स स्लैब को घटाकर दो करने का बड़ा फैसला ले सकती है. अगर ऐसा होता है, तो ये 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद का सबसे बड़ा बदलाव होगा. इससे न सिर्फ बिज़नेस में पारदर्शिता आएगी, बल्कि आम लोगों को भी कई चीजों पर राहत मिल सकती है.
खत्म होंगे 12% और 28% के स्लैब
जीएसटी काउंसिल की योजना के अनुसार, अब देश में केवल दो टैक्स स्लैब 5% और 18% ही लागू रहेंगे. मौजूदा 12% और 28% के स्लैब को समाप्त किया जा सकता है. इससे टैक्स सिस्टम को अधिक सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है. जीएसटी काउंसिल के पदेन सचिव (Ex-Officio Secretary) के द्वारा पिछले महीने जारी किए गए सर्कुलर में 3-4 सितंबर की बैठक के बारे में बारे में बताया गया था. वहीं रेवेन्यू सेक्रेटरी के नोटिस के अनुसार, इस बैठक से पहले 2 सितंबर को राज्यों और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श भी किया गया.
क्या-क्या होगा महंगा?
जहां आम चीजें सस्ती होंगी, वहीं कुछ प्रोडक्ट्स को महंगा भी किया जा रहा है. सरकार एक नया 40% टैक्स स्लैब लाने की तैयारी कर रही है, जिसमें ऐसे प्रोडक्ट्स होंगे जो समाज के लिए नुकसानदायक माने जाते हैं. इनमें शराब, तंबाकू, सिगरेट, शुगर ड्रिंक्स, फास्ट फूड और जुआ से जुड़े प्रोडक्ट्स शामिल होंगे. इसके अलावा कुछ लग्जरी चीजों को भी इस स्लैब में रखा जाएगा.
इलेक्ट्रॉनिक और ऑटो सेक्टर में राहत
AC, फ्रिज, टीवी जैसी इलेक्ट्रॉनिक चीजें अभी 28% टैक्स स्लैब में आती हैं, लेकिन अब इन्हें 18% स्लैब में लाया जाएगा. इसका मतलब है कि एक AC पर करीब 1500 रुपए से 2500 रुपए की बचत हो सकती है। इसी तरह 32 इंच से ऊपर वाले टीवी भी सस्ते हो सकते हैं।
खाने-पीने की चीजें अब 5% स्लैब में
रिफॉर्म के बाद अब तक जिन चीजों पर 12% टैक्स लगता था, वे सीधे 5% स्लैब में आ जाएंगी. मतलब अब भुजिया, नमकीन, केचअप, आलू चिप्स, पैक जूस, पास्ता, नूडल्स, बटर, घी, चीज़, लस्सी, कंडेंस्ड मिल्क जैसी चीजें सस्ती हो जाएंगी. ये सब चीजें आम आदमी के रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल हैं, और इनका सस्ता होना राहत भरा कदम है।