तिल्दा, 10अगस्त 2025
बद्रीनारायण बगड़िया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नेवरा में विकास खण्ड स्तरीय कला उत्सव का भव्य आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम की शुरूआत माँ भारती, छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा एवं वंदन से हुई इस अवसर पर मुख्य अतिथि शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि ये उत्सव बाल प्रतिभाओं को मंच प्रदान कर निखारने के उद्देश्य से आयोजित किये जाते हैं उन्होंने प्रतिभागी बच्चों एवं शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार की मंशा है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र विकसित भारत श्रेष्ठ 2047 के विजन में इस तरह के कला उत्सवों का भी योगदान रहेगा।
भाजपा शहर मंडल उपाध्यक्ष सौरभ जैन ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास की एक महत्वपूर्ण पहलू है कला व संस्कृति इस आयोजन के माध्यम से बच्चों में अपनी संस्कृति की समझ विकसित होने के साथ अभिव्यक्ति व प्रस्तुतिकरण की क्षमता में वृद्धि होगी उन्होंने तिल्दा नगर में सबका अभिनंदन करते हुए विकासखण्ड के समीपस्थ व दूरस्थ विद्यालयों से सहभागी शाला परिवारों की सराहना की नोडल अधिकारी एवं प्राचार्य राजेश चंदानी ने बताया कि यह कार्यक्रम केंद्रीय शिक्षा व साक्षरता विभाग एवं राष्ट्रीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा समर्थित है,
जिसकी शुरुआत बच्चों में लोककला, लोकसंस्कृति एवं भारतीय सांस्कृतिक विरासत की समझ विकसित करने के उद्देश्य से सन 2015 में कई गई थी।कला उत्सव 2025 में बच्चों को गायन,वादन,नाटक,दृश्य कला,शास्त्रीय/उपशास्त्रीय नृत्य, पारंपरिक कहानी वाचन जैसी 12 विभिन्न विधाओं के माध्यम से अपनी कला प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त हो रहा है ,उन्होंने आयोजन के स्वरूप में परिवर्तन की जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व के वर्षों में सहभागी प्राथमिक-माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक सभी स्तर के बालक- बालिकाओं की अलग-अलग श्रेणियों में मूल्यांकन किया जाता था परंतु अब विद्यालय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक केवल कक्षा 9वीं से 12 वी तक के प्रतिभागी विद्यार्थियों का समेकित रूप से निर्धारित मापदंडों व नियमों के अधीन मूल्यांकन किया जा रहा है। कला उत्सव” एक भारत-श्रेष्ठ भारत” पहल का भी एक हिस्सा है जिसका उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना है।
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विकासखण्ड स्तरीय कला उत्सव में उपस्थित संस्था प्रमुखों,निर्णायकों, आयोजन समिति के पदाधिकारियों सहित प्राचार्य राजेश चंदानी ने डॉ. ताहिलयानी का स्मृति-चिन्ह,शाल श्रीफल से सम्मानित करते हुए आभार व्यक्त किया ।
इस अवसर पर डॉ.साहब ने उपस्थित जनसमूह को प्रेरित करते हुए कहा कि गाँव, कस्बों में भी प्रतिभाओं की कमी नहीं , हम विकासशील देश के नागरिक हैं परंतु 21 वीं सदी के इस दौर में हमारे पास उपलब्ध अत्याधुनिक तकनीक,वैज्ञानिक दृष्टिकोण, सकारात्मक चिंतन का कठोर परिश्रम, लगन व समर्पण की भावना से राष्ट्रहित में सदुपयोग किया जाय तो कोई भी उपलब्धि दुर्लभ नहीं।