उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज हैं। मंगलवार सुबह उपराष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग होनी है। विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी के पोलिंग एजेंट सैयद नासिर हुसैन, माणिकम टैगोर और शताब्दी रॉय को बनाया गया है। इस बीच, ओडिशा की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (BJD) ने सोमवार को घोषणा की कि उसके सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे।
समान दूरी बनाए रखने की नीति
पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता वाली पार्टी ने कहा कि उसने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और कांग्रेस-नीत ‘INDIA’ गठबंधन से ‘समान दूरी बनाए रखने’ की अपनी नीति के तहत यह निर्णय लिया है। मालूम हो कि लोकसभा में बीजेडी के एक भी सांसद नहीं हैं। राज्यसभा में बीजेडी के 7 सांसद हैं।
NDA और INDIA दोनों से समान दूरी
बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा ने कहा, ‘पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने फैसला किया है कि पार्टी के सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) के सदस्यों और सांसदों से परामर्श के बाद यह फैसला लिया।’ पात्रा ने कहा कि बीजेडी, एनडीए और INDIA दोनों से समान दूरी बनाए रखता है। पात्रा ने कहा, ‘हमारा पूरा ध्यान राज्य और उसके 4.5 करोड़ लोगों के विकास पर है।’
जानिए क्या बोली शिंदे की शिवसेना?
वहीं, दूसरी ओर शिंदे की शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, ‘बी. सुदर्शन रेड्डी को अपील करनी चाहिए, वे उम्मीदवार हैं। चुनाव के दौरान सभी उम्मीदवार अपील करते हैं। आप कल देखेंगे संख्या एनडीए के कुल सदस्यों से भी ज़्यादा होगी।’
सुबह 10 से 5 बजे तक होगा चुनाव
उपराष्ट्रपति चुनाव संसद भवन में होगा। इसमें सत्तारूढ़ एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है। संसद के दोनों सदनों के सदस्य मंगलवार को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच अपने मत डालेंगे।
चुनाव में BJD के अलग होने से NDA को होगा फायदा
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने कहा कि बीजेडी का निर्णय अप्रत्यक्ष रूप से उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार की मदद करेगा। बीजेडी के निर्णय का स्वागत करते हुए बीजेपी के सीनियर नेता एवं केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने कहा, ‘बीजेडी सांसदों को मतदान से दूर रखने का निर्णय लेकर नवीन बाबू ने परोक्ष रूप से एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किया है।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हमारे उम्मीदवार का विरोध नहीं किया है।’
कांग्रेस ने भी माना, बीजेपी को होगा फायदा
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने कहा, ‘मतदान से दूर रहने का मतलब भाजपा का समर्थन करना है। बीजेडी के लिए यह साबित करने का अवसर था कि वह भगवा खेमे के विरोध में है।’ बीजेडी सांसदों ने 2012 में भी उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से परहेज किया था।